वृंदावन के महान संत प्रेमानंद महाराज की जुबान से निकली हर एक बात को लेकर गांठ बांध लेते हैं। लोगों को सच्चे मार्ग पर चलने की राह दिखाने वाले प्रेमानंद महाराज आए दिन अपने प्रवचन में सनातन धर्म से जुड़ी जरूरी बातें बताते हैं। इसके साथ ही वह लोगों की जिंदगी में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए अचूक उपाय भी देते हैं। आज रक्षाबंधन है और भाई-बहन के अटूट प्यार का प्रतीक है। ऐसे में प्रेमानंद महाराज ने अपने एक प्रवचन में भाई-बहन के रिश्ते पर बात की है। उन्होंने बताया है कि आखिर एक बहन के प्रति किसी भाई का कर्तव्य सही मायने में क्या होता है?
बहन की छाया बन जाए भाई
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि एक भाई का सबसे पहले तो कर्तव्य ये बनता है कि जब तक बहन की शादी ना हो जाए तब तक उसकी सुरक्षा का ध्यान रखें। आगे उन्होंने कहा कि भाई को बहन की ऐसी छाया बन जानी चाहिए, जोकि उसका साथ कभी ना छोड़ें। चाहे बहन घर में हो या घर के बाहर उसे असुरक्षा की भावना कभी नहीं होनी चाहिए।
ये भी है भाई का कर्तव्य
प्रेमानंद महाराज ने ये भी कहा कि एक भाई का कर्तव्य ये भी है कि वह किशोर अवस्था में अपनी बहन को हमेशा सही रास्ता ही दिखाए। साथ ही उन्होंने कहा कि भाई को ये भी सुनिश्चित करना चाहिए कि बहन कभी गलत संगति में ना पड़े। इसी के साथ एक भाई को हमेशा ये कोशिश करनी चाहिए कि उसे एक अच्छा माहौल दिया जाए, जहां वो सुरक्षित महसूस करें और अपनी बातों को निडरता के साथ सामने रख पाए।
शादी के बाद भी ना घटे प्रेम
भाई-बहन के रिश्ते पर बात करते हुए प्रेमानंद महाराज ने ये भी कहा कि जब बहन की शादी हो जाए तब भी भाई का प्रेम उसके प्रति ऐसा ही होना चाहिए। समय-समय पर उससे मिलने जाने से लेकर उसके लिए तोहफे लेकर जाने जैसी बातें भी प्रेमानंद महाराज ने कही। प्रेमानंद महाराज ने ये भी कहा कि अगर भाई बहुत बिजी भी है तो भी उसे समय निकालकर बहन के घर जाकर उसका हालचाल पूछना चाहिए और उसके हर सुख-दुख में शामिल होना चाहिए।