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अहमदाबाद प्लेन क्रैश के पीड़ितों को मिलेगी राहत, 500 करोड़ का बना ट्रस्ट

12 जून को अहमदाबाद में एक प्लेन हादसे में 260 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस हादसे के बाद टाटा संस ने शुक्रवार को मुंबई में 500 करोड़ रुपये का एक पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस ऑफिशियली पूरी हो चुकी है। ये ट्रस्ट 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के प्लेन हादसे में फ्लाइट नंबर AI 171 की दुखद घटना के पीड़ितों को डेडिटेकेट है।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस ट्रस्ट का नाम ‘एआई-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट’ होगा, जो मृतकों के आश्रितों/निकटतम रिश्तेदारों, घायलों और दुर्घटना से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित सभी लोगों को तत्काल और निरंतर सहायता प्रदान करेगा।

कंपनी ने कहा है कि ट्रस्ट एक्सीडेंट के बाद अमूल्य संस्थागत सहायता और सेवा प्रदान करने वाले फर्स्ट रेस्पॉन्डर्स, मेडिकल और आपदा राहत पेशेवरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सरकारी कर्मचारियों को हुए किसी भी शॉक या संकट को कम करने के लिए सहायता भी प्रदान करेगा।

टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स ने ट्रस्ट के परोपकारी कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपए (दोनों ने 250-250 करोड़ रुपए) देने का संकल्प लिया है। इसमें मृतकों के लिए 1 करोड़ रुपए की अनुग्रह राशि, गंभीर रूप से घायलों का इलाज और दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुए बी.जे. मेडिकल कॉलेज छात्रावास के इंफ्रास्ट्रक्चर के पुनर्निर्माण के लिए सहायता शामिल है। ट्रस्ट का मैनेजमेंट और प्रशासन 5 सदस्यीय न्यासी बोर्ड द्वारा किया जाएगा। बोर्ड में नियुक्त शुरुआती 2 ट्रस्टी टाटा समूह के पूर्व दिग्गज एस. पद्मनाभन और टाटा संस के जनरल काउंसल सिद्धार्थ शर्मा हैं।

टाटा संस ने कहा है कि एडिशनल ट्रस्टियों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। कर अधिकारियों के साथ आवश्यक रजिस्ट्रेशन और वर्तमान में चल रही अन्य परिचालन औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद ट्रस्ट को फंड किया जाएगा और यह पूरी गंभीरता से अपना काम शुरू कर देगा।

इस बीच, फेडरेशन ऑफ इंडिया पायलट यानी एफआईपी ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा है कि अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना पर एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो यानी एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में दो संभावित और पहले बताए गए तकनीकी परिदृश्यों पर पर्याप्त रूप से विचार नहीं किया गया है, जिनमें से किसी एक के कारण बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के दोनों इंजन स्वचालित रूप से बंद हो सकते थे। संघ ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जांच में और अधिक विषय विशेषज्ञों को शामिल करने का आग्रह किया है।

पायलटों के ग्रुप एएलपीए-इंडिया ने यह भी कहा कि दुर्घटनाग्रस्त एआई-171 विमान के चालक दल ने विमान में सवार यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया और वे सम्मान के पात्र हैं। एएलपीए इंडिया ने एक बयान में कहा है कि एआई-171 के चालक दल ने विमान में सवार यात्रियों की सुरक्षा और जमीन पर नुकसान को कम करने के लिए अपनी आखिरी सांस तक हर संभव प्रयास किया। वे निराधार चरित्र-निर्णय के नहीं बल्कि सम्मान के पात्र हैं।

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