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भक्तों का प्रेमानंदजी महाराज से मिलने का सपना अब आसानी से हो सकेगा पूरा, जानें सारी डिटेल्स

श्री प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज, वृंदावन के एक अत्यंत सम्मानित संत हैं। इन्हें आधुनिक समय में प्रेमानंदजी महाराज के नाम से भी जाना जाता है। श्री राधा रानी के प्रति इनकी भक्ति पूरी दुनिया में जगजाहिर है। अगर आप भी इनकी भक्ति से ओत-प्रोत हैं, तो अब महाराज के दर्शन और भी आसान हैं।

श्री राधा रानी के प्रति इनकी भक्ति और श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित इनके प्रवचन लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। महाराज के दर्शन के नियमों को अब और भी सुलभ किया गया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग प्रेमानंद महाराज से मिलकर अपने जीवन की समस्याओं का हल निकाल सकें।

आश्रम का पता और दर्शन का समय पहले से निश्चित, टोकन लेना अनिवार्य

प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन में श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में रहते हैं। यह आश्रम परिक्रमा मार्ग पर स्थित है। यहां हर दिन दूर-दूर से भक्त आते हैं और प्रेमानंद बाबा के दर्शन करते हैं। दर्शन के लिए कोई ऑनलाइन बुकिंग उपलब्ध नहीं है, इसलिए आपको आश्रम में ही टोकन लेना होगा।

भारत के बहुत से मध्यमवर्गीय परिवार आज भी ऑनलाइन बुकिंग सुविधा का आसानी से इस्तेमाल नहीं कर पाते, ऐसे में प्रेमानंद ने टोकन की व्यवस्था को ही अपने आश्रम का जरिया बनाया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आसानी से बाबा के दर्शन कर सकें।

इन तरीकों से आसानी से मिलेगा टोकन

सबसे पहले टोकन लेने के लिए सुबह जल्द से जल्द आश्रम पहुंच जाएं। टोकन काउंटर आमतौर पर सुबह 9:30 बजे के आसपास खुल जाता है। यह सारे टोकन भगवान के अगले दिन के दर्शन के लिए आश्रम द्वारा दिए जाते हैं।

काउंटर से बड़ी आसानी से टोकन लेने की सुविधा का उपयोग किया जा सकता है। टोकन लेने के लिए आपको अपना आधार कार्ड साथ लाना होगा, यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, टोकन लेने के नियमों के अनुसार।

आश्रम में हर दिन आयोजित कार्यक्रम

आश्रम में सुबह की पूजा 4:10 बजे से 5:30 बजे तक होना तय है। इसके बाद भगवान की शृंगार आरती, सुबह 8:15 बजे से 9:15 बजे तक होती है। वहीं, शाम की आरती 6:00 बजे से 6:15 बजे तक लगातार जारी रहेगी। यह पूजा कार्यक्रम आश्रम परिसर में प्रत्येक दिन किए जाने तय हैं।

व्यक्तिगत संवाद का यह होगा तरीका

अगर आप व्यक्तिगत रूप से बात प्रेमानंद जी महाराज से संवाद करना चाहते हैं, तो आप एकांतिक वार्तालाप नामक सत्र का अनुरोध कर सकते हैं। हालांकि, समय की कमी के कारण यह एक दुर्लभ अवसर है, और हर दिन कुछ ही भक्त इस सुविधा का लाभ उठा पा रहे हैं।

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