BREAKING

बड़ी खबर

उपराष्ट्रपति चुनाव में एक झटके में NDA के बढ़ गए 11 वोट, बड़ी पार्टी के समर्थन का ऐलान

उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए पहले से ही जीत को लेकर आश्वस्त है। वहीं चुनाव से ठीक पहले वाईएसआरसीपी अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले पीयूष गोयल ने जगनमोहन से मुलाकात की थी। उनकी मुलाकात के बाद ही जगनमोहन ने यह फैसला किया। जगनमोहन के इस फैसले से एनडीए खेमे के 11 वोट सीधे बढ़ गए हैं। वाईएसआर कांग्रेस के पास लोकसभा में चार तो राज्यसभा में सात सांसद हैं।

कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि आंध्र प्रदेश के लोग उनके इस विश्वासघात को नहीं भूलेंगे कि उन्होंने इस दक्षिणी राज्य के हितों के बजाय सीबीआई के मामलों के डर से आरएसएस के उम्मीदवार का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास जगन मोहन रेड्डी के विश्वासघात को नहीं भूलेगा। उपराष्ट्रपति पद के लिए आरएसएस समर्थित उम्मीदवार का समर्थन करके उन्होंने आंध्र प्रदेश के हितों के बजाय सीबीआई के मामलों के डर को चुना है।’’

टैगोर ने कहा, ‘यह रणनीति की बात नहीं है। यह लोकतांत्रिक ताकतों के साथ खड़े होने के बजाय मोदी-बाबू के दबाव के आगे आत्मसमर्पण करने की बात है।’’ एक अन्य पोस्ट में टैगोर ने सभी सांसदों से अपील की कि वे संविधान का समर्थन करने वाले उम्मीदवार को वोट दें, न कि आरएसएस उम्मीदवार को।

उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए, निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीटें रिक्त हैं), और 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट रिक्त है) शामिल हैं।

निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं। इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं। राधाकृष्णन तमिलनाडु से जबकि रेड्डी तेलंगाना से हैं। विभिन्न दलों द्वारा दिए गए समर्थन को आधार बनाकर आंकड़ों के लिहाज से देखें तो राजग उम्मीदवार का पलड़ा भारी है। हालांकि विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी ने बार-बार यह कहकर अपनी दावेदारी को मजबूत करने का प्रयास किया कि लड़ाई वैचारिक है तथा यह मतदान सिर्फ उप राष्ट्रपति चुनने के लिए नहीं है, बल्कि भारत की भावना के लिए है।

क्या हैं समीकरण

उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डालते हैं। राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य भी मतदान कर सकते हैं। लोकसभा में कुल 542 सांसद हैं। वहीं राज्यसभा में कुल 239 सांसद हैं। बीजेडी, बीआरएस, शिरोमणि अकाली दल और एक निर्दलीय सांसद ने वोटिंग में भाग ना लेने का ऐलान किया है। कुल 788 के संख्याबल में अगर खाली सीटों को हटाया जाए तो यह संख्या 781 रह जाती है। वहीं वोट डालने वाले सांसदों की संख्या 770 ही है। इससे बहुमत का आंकड़ा 391 है।

लोकसभा के 542 सांसदों में से एडीए के पास 293 की संख्या है। इसमें अकेले बीजेपी के 240 सांसद हैं। इसके अलावा टीडीपी, जेडीयू के पास 16 और 12 सांसद हैं। शिवसेना के पास सात और लोजपा के पास पांच सांसद हैं। ऐसे में ये 293 वोट एनडीए के ही हैं। वहीं अब वाईएसआरसीपी ने भी समर्थन का ऐलान कर दिया है।

राज्यसभा में एनडीए के 125 सांसद हैं। इसमें अकेले भाजपा के 102 सांसद हैं। वहीं वाईएसआर कांग्रेस के सात सांसदों को मिलाकर एनडीए के पक्ष में 132 सांसद हो जाते हैं। विपक्षी गठबंधन के पास 85 ही सांसद हैं। कुल मिलाकर एनडीए के पक्ष में 434 वोट पड़ने की उम्मीद है। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन को 320 हासिल हो सकते हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts