प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने पवित्र श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर औपचारिक रूप से भगवा ध्वज फहराया। अभिजीत मुहूर्त में पीएम मोदी के बटन दबाते ही 2 किलो का केसरिया ध्वज 161 फीट ऊंचे शिखर पर फहरने लगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कई दिग्गज इस समय उनके साथ मंदिर परिसर में मौजूद हैं।
10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा समकोण त्रिभुजाकार ध्वज, भगवान श्री राम के तेज और पराक्रम का प्रतीक, एक तेजस्वी सूर्य की छवि के साथ, कोविदारा वृक्ष की छवि के साथ अंकित है। पवित्र भगवा ध्वज, राम राज्य के आदर्शों को मूर्त रूप देते हुए, गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देता है। ध्वज फहराए जाने के बाद सीएम योगी ने कहा कि ये नए युग का शुभारंभ है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत को श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर फहराए गए भगवा ध्वज और मंदिर में राम लला की मूर्ति के लघु मॉडल भेंट की है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “मंदिर के ऊपर फहराया गया भगवा धर्म ध्वज धर्म का प्रतीक है, मर्यादा का प्रतीक है, सत्य, न्याय और राष्ट्रीय कर्तव्य का प्रतीक है। यह विकसित भारत की परिकल्पना का भी प्रतीक है…”
पीएम मोदी ने पहले की सप्तऋषियों की पूजा-अर्चना
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ध्वजारोहण समारोह से पहले पीएम ने प्राचीन भारतीय परंपरा और सनातन संस्कृति के प्रतीकों में गहन श्रद्धाभाव व्यक्त करते हुए दिन की शुरुआत सप्तऋषियों की पूजा-अर्चना से की। महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी के मंदिरों में पहुंचकर प्रधानमंत्री ने शीश झुकाया और राष्ट्रकल्याण की कामना की।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामदरबार पहुंचे, जहां उन्होंने विधिवत आरती उतारी। पूरे परिसर में जय श्रीराम के जयघोषों और मंत्रोच्चार ने भक्तिमय वातावरण रच दिया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत भी मौजूद रहे।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री योगी भी रहे मौजूद
प्रधानमंत्री मोदी इसके उपरांत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ माता अन्नपूर्णा मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने ध्वजारोहण से पहले विशेष पूजा-अर्चना कर समृद्धि, अन्नपूर्णा और लोककल्याण की कामना की। अन्नपूर्णा मंदिर में सम्पन्न इस अनुष्ठान को ऐतिहासिक ध्वजारोहण से पहले की आध्यात्मिक भूमिका के रूप में देखा जा रहा है। इसके बाद वे शेषावतार मंदिर भी पहुंचे, जहां उन्होंने परंपरागत विधियों के अनुसार पूजा की।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले ध्वजारोहण समारोह को लेकर अयोध्या नगरी पूरी तरह उत्सवमय दिखी। सड़कें, मार्ग, घाट और मंदिर हर ओर भव्य सजावट, फूल मालाएं और झंडों का समंदर दिखाई दे रहा था।









