नई दिल्ली । संविधान दिवस, 2025 के उपलक्ष्य में संसद के संविधान सदन में बुधवार को समारोह का आयोजन किया जा रहा है। सेंट्रल हॉल में हो रहे इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर रही हैं। इसके अलावा उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, पीएम मोदी, लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला के अलावा केंद्रीय मंत्रियों का समूह भी सेंट्रल हॉल पहुंचा। विपक्ष की तरफ से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मौजूद रहे। यह मौका भारत द्वारा संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि का प्रतीक है।
इस कार्यक्रम को सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की तरफ से संबोधित किया गया। इसके बाद उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी वक्तव्य दिया। आखिर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को संदेश दिया और कहा कि संविधान में सामाजिक न्याय प्रमुख है। आखिर में राष्ट्रपति के नेतृत्व में सेंट्रल हॉल में संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया गया।
संविधान दिवस समारोह के एक हिस्से के रूप में, सेंट्रल हॉल समारोह के दौरान डिजिटल मोड में कई योजनाओं का विमोचन किया गया। विधायी विभाग की तरफ से तैयार नौ भाषाओं – मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया – में भारत के संविधान का लोकार्पण हुआ। संस्कृति मंत्रालय की तरफ से तैयार स्मारक पुस्तिका ‘भारत के संविधान से कला और कैलीग्राफी ‘ (हिन्दी संस्करण) का विमोचन हुआ।
देश भर में, सभी केंद्रीय मंत्रालय/विभाग, उनके अधीनस्थ और संबद्ध कार्यालय, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारें और स्थानीय निकाय इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
आम नागरिक कई माध्यमों से इसमें भाग लेंगे:
मायजीओवी.इन और संविधान75.कॉम पर प्रस्तावना का ऑनलाइन वाचन
प्रमाणपत्र सृजन और सोशल मीडिया साझाकरण में भागीदारी
‘हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान’ पर राष्ट्रीय ऑनलाइन क्विज और ब्लॉग/निबंध प्रतियोगिताएं
सम्मेलन, सेमिनार, वाद-विवाद, लघु फिल्में, प्रदर्शनियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पोस्टर/पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिताएं, तथा पंचायत से संसद स्तर तक संविधान-विषयक अन्य गतिविधियां।
इस प्रकार, संविधान दिवस, 2025 को देश के हर कोने में और विश्व में रहने वाले भारतीयों द्वारा संवैधानिक मूल्यों के राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कार्यक्रम के दौरान भारत के संविधान की प्रस्तावना पढ़ने का नेतृत्व करेंगी। इस कार्यक्रम के दौरान यादगार पुस्तिका ‘भारत के संविधान में कला और कैलिग्राफी’ भी जारी की जाएगी।









