रायपुर। छत्तीसगढ़ में मधुमेह से पीडि़त मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो आने वाले वर्षों में इसका प्रतिशत और बढ़ जाएगा। मधुमेह मरीजों की संख्या बढऩे के पीछे बहुत सारे अनेक कारण है लेकिन विशेषतौर पर जो आंकड़े सामने आए हैं उसको देखते हुए यह कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में चांवल खाने वाले लोगों की संख्या अधिक है इस वजह से इसमें इजाफा हो रहा है। यह बातें पत्रकारवार्ता के बाद आरएसएसडीआई की राजकीय इकाई के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव ने कहीं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अंचल में डायबिटीज के सर्वाधिक मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे है प्रत्येक गांव में जिनका प्रतिशत लगभग 8 से 11 है और संभावना जताई जा रही है इतना ही नहीं नवजात शिशुओं में भी अब डायबिटीज के लक्षण पाए जा रहे है जिसके चलते आने वाले 2040 तक यह संख्या दोगुनी हो जाएगी।
राज्य व केंद्र सरकार से वे इस पर नियंत्रण पाने के लिए बच्चों को लगने वाले इंसुनिलन पंप की सुविधा सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाए ताकि बच्चों को बचाया जा सकें। हम डायबिटीज मुक्त भारत तो नहीं बना सकते हैं लेकिन इस पर नियंत्रण जरुर पा सकते है। हम लोगों को तीन प्रकार के डायबिटीज का पता था लेकिन अभी वर्तमान समय में 12 तरह के डायबिटीज का पता चला है और इस पर ओरेशन अवार्ड से सम्मानित डॉक्टर क्रांति कुमार श्रीवास्तव इस पर रिसर्च कर रहे है।