रायपुर। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने आदिवासी समाज को लक्ष्य बनाकर किए जा रहे सुनियोजित धर्मांतरण पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, पिछले दिनों गिरफ्तार ननों के मामले में कांग्रेस और विपक्षी दलों पर देश की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) को बिगाड़ने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष देश को धर्मांतरण का अड्डा बना देना चाहता है। विशेष रूप से आदिवासी समाज को लालच, प्रलोभन और दवाब के माध्यम से उनके पारंपरिक विश्वास से दूर किया जा रहा है। यह केवल धार्मिक आस्था का मामला नहीं, बल्कि देश की सामाजिक एकता और सांस्कृतिक मूल्यों पर सीधा हमला है।
सांसद बृजमोहन ने केरल की दो ननों की गिरफ्तारी का उल्लेख करते हुए कहा कि, “इन दोनों ननों को आदिवासी क्षेत्र में प्रार्थना सभा की आड़ में मासूम आदिवासियों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह घटना धर्मांतरण के पीछे चल रहे नेटवर्क की एक कड़ी भर है।”
उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि विपक्ष के कई सांसद और नेता इन आरोपियों के समर्थन में खड़े हो गए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि विपक्ष धर्मांतरण का समर्थन करता है और इसी एजेंडे को छुपाकर चल रहा है।
बृजमोहन अग्रवाल ने विपक्ष से दो टूक पूछा कि, “कांग्रेस और विपक्षी दल साफ-साफ देश को बताएं कि वे धर्मांतरण के खिलाफ हैं या समर्थन में? अगर वे इसके विरोध में हैं तो फिर वे ऐसे मामलों में दोषियों के साथ खड़े क्यों होते हैं?
उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति, पहचान और परंपरा को बचाने के लिए हर स्तर पर कठोर कदम उठाए जाने चाहिए। जो लोग भोले-भाले आदिवासियों को बहका कर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
सांसद ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा और केंद्र सरकार आदिवासियों की सांस्कृतिक विरासत की रक्षक है, और हम किसी भी कीमत पर उनके धर्मांतरण के षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे।