नागपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नागपुर के सराफा व्यापारी पुरुषोत्तम कावले और हवाला कारोबार से जुड़े शैलेश लखोटिया के ठिकानों पर शुक्रवार को सुबह-सुबह छापेमारी की। इतवारी, एम्प्रेस सिटी, बगड़गंज और चिखली परिसर में हुई छापेमारी से हड़कंप मच गया। कावले पर इससे पहले भी डीआरआई ने कार्रवाई की थी और उसके पास से बड़े पैमाने पर सोना बरामद हुआ था। लखोटिया हवाला कारोबार के लिए जाने जाते हैं और उनका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। संभवत: इसी को ध्यान में रखकर ईडी ने कार्रवाई की और छानबीन कर रही है।
सूत्रों के अनुसार रायपुर स्थित ईडी कार्यालय के अधिकारियों के साथ-साथ नागपुर कार्यालय के अधिकारी भी कार्रवाई में शामिल हैं। छापेमारी की कार्रवाई कावले के इतवारी स्थित सागर ज्वेलर्स और बैद्यनाथ चौक स्थित आवास पर भी हुई है। वहीं लखोटिया के भी आवास और कार्यालय इसमें शामिल हैं।सुबह से जारी कार्रवाई देर रात तक जारी थी। दोनों को पूछताछ के लिए ईडी के अधिकारी अपने साथ ले गए हैं, जबकि अन्य अधिकारी दस्तावेजों की छानबीन में जुटे हुए हैं।
कुछ वर्ष पूर्व ट्रेन से लाया जा रहा लगभग 18 करोड़ रुपये का सोना पकड़ा गया था। जिन्हें पकड़ा गया था उन्होंने कावले का माल होने का बताया था। डीआरआई की इस कार्रवाई के बाद कावले को कई महीनों तक जेल में भी रहना पड़ा था। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
जानकारों की मानें तो कावले थोक सोना-चांदी का कारोबारी है। विदर्भ सहित मध्य भारत के कई ज्वेलर्स को वह माल की आपूर्ति करता है। इसी चेन को खंगालने का काम अब ईडी ने हाथ में लिया है। डीआरआई के बाद ईडी के भी आने से लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं भी गर्म हैं। थोक और चिल्लर सराफा कारोबार के बीच कावले काफी लोकप्रिय है। उस पर माल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है।
हवाला कारोबारी शैलेश लखोटिया के घर और कार्यालय में भी ईडी का छापा पड़ा। वर्धमाननगर स्थित आवास और दफ्तर पर ईडी की कार्रवाई जारी है। लखोटिया पर हवाला लेन-देन के साथ-साथ ऑनलाइन सट्टा कारोबार में संलिप्त होने की भी आशंका है। बड़े कारोबारी लखोटिया के जरिए ही हवाला करते हैं। बाजार में सभी उससे परिचित भी हैं। उल्लेखनीय है कि लखोटिया के 2 भाइयों की वर्ष 2007-08 में डकैती के दौरान हत्या कर दी गई थी।