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खाद्य सुरक्षा से आत्मनिर्भरता तक : धमतरी के 25 वर्षों की सफलता यात्रा

धमतरी, जिले में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने बीते 25 वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2000 की स्थिति की तुलना में वर्ष 2025 तक विभाग ने अनेक सुधारात्मक कदम उठाते हुए आम नागरिकों को पारदर्शी, सुलभ एवं तकनीक आधारित सेवाएँ उपलब्ध कराई हैं।

 सबसे पहले सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की बात करें तो वर्ष 2000 में जिले में 296 शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालित थीं। उस समय राशनकार्डधारियों को मैनुअल (ऑफलाइन) पद्धति से राशन वितरण किया जाता था, जिसमें समय और पारदर्शिता की चुनौतियाँ बनी रहती थीं। आज वर्ष 2025 में यह प्रणाली पूर्णतः ऑनलाइन आधार प्रमाणीकरण से जुड़ चुकी है। वर्तमान में जिले में 484 शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से हितग्राहियों को सुगमता से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। इससे न केवल पारदर्शिता आई है, बल्कि राशनकार्डधारियों को समय पर और सही मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराना सुनिश्चित हुआ है।
 ’राशनकार्ड की संख्या में भी पिछले 25 वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2000 में जिले में 82,460 राशनकार्ड प्रचलित थे, जबकि वर्तमान में कुल 2,58,352 राशनकार्ड प्रचलन में हैं, जिनमें 2,33,429 बीपीएल कार्ड और 24,923 अन्य श्रेणी के कार्ड शामिल हैं। यह दर्शाता है कि विभाग ने सामाजिक सुरक्षा एवं खाद्य अधिकार सुनिश्चित करने में प्रभावी भूमिका निभाई है।

धान खरीदी के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय विस्तार हुआ है। वर्ष 2000 में जिले में मात्र 70 धान खरीदी केंद्र संचालित थे, जबकि आज उनकी संख्या बढ़कर 100 हो चुकी है। इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को उनके उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी का लाभ मिल रहा है। यह किसानों की आय में वृद्धि करने और उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

इसी प्रकार, कस्टम मिलिंग की व्यवस्था में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2000 में जिले में 135 राइस मिल पंजीकृत थे, जबकि वर्तमान में यह संख्या बढ़कर 226 तक पहुँच गई है। इससे खरीदे गए धान का समय पर मिलिंग एवं चावल की आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है

कुल मिलाकर, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, धमतरी ने 25 वर्षों की इस यात्रा में निरंतर प्रगति का उदाहरण प्रस्तुत किया है। विभाग ने पारदर्शिता, तकनीकी नवाचार, हितग्राहियों की सुविधा और किसानों की आर्थिक उन्नति को प्राथमिकता दी है। रजत जयंती वर्ष में यह उपलब्धियाँ इस बात का प्रतीक हैं कि विभाग ने आमजन की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है।

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