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ममता को सिर्फ मुसलमानों की चिंता, बंगाल में क्यों नहीं लागू किया CAA: हिमंता सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की उनकी समकक्ष ममता बनर्जी को केवल बांग्ला भाषी मुसलमानों की चिंता है। उन्होंने आगाह किया कि अगर ममता मुस्लिम-बंगालियों के लिए असम आती हैं, तो असमिया और हिंदू-बंगाली उन्हें नहीं बख्शेंगे। सीएम सरमा ने भाजपा पर राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भाषाई पहचान को हथियार बनाने के तृणमल कांग्रेस अध्यक्ष के हालिया आरोप पर कहा, “सवाल यह है कि क्या ममता बनर्जी बंगालियों को पसंद करती हैं या केवल मुस्लिम-बंगालियों को। मेरा जवाब है केवल मुस्लिम-बंगालियों को।”

उन्होंने कहा, “अगर वह मुस्लिम-बंगालियों के लिए असम आती हैं, तो असमिया लोग और हिंदू-बंगाली उन्हें नहीं बख्शेंगे।” सरमा ने सवाल किया कि अगर बनर्जी बांग्ला भाषी लोगों की सुरक्षा में रुचि रखती हैं, तो उन्होंने अपने राज्य में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम क्यों नहीं लागू किया?

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई – को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाती है।

ममता बनर्जी केंद्र और भाजपा शासित राज्यों पर बांग्ला भाषी प्रवासियों को ‘अवैध बांग्लादेशी’ या ‘रोहिंग्या’ बताकर व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने का आरोप लगाती रही हैं।

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