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मानसून सत्र के चौथे दिन बिहार चुनाव में विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में विपक्ष का जोरदार हंगामा…सांसदों ने नारेबाजी की और पोस्टर लहराए

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का गुरुवार को चौथा दिन है। सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद बिहार वोटर वेरिफिकेशन मामले पर हंगामा करने लगे। कांग्रेस सहित कई विपक्षी सांसद वेल में आकर पोस्टर लहराने लगे। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि तख्तियां लेकर आने पर सदन नहीं चलेगा। उन्होंने कांग्रेस सांसदों से कहा कि ये आपके संस्कार नहीं हैं। हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही आज सिर्फ 12 मिनट चल सकी। इसे शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं राज्यसभा की कार्यवाही सिर्फ 1:45 मिनट चल पाई। उधर संसद के बाहर मकर द्वार पर बिहार वोटर वेरिफिकेशन मामले पर लगातार तीसरे दिन प्रदर्शन किया गया। सोनिया गांधी भी इसमें शामिल हुईं। प्रियंका गांधी ने खतरे में लोकतंत्र लिखा पोस्टर लहराया। राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं ने बिहार में स्ढ्ढक्र मुद्दे पर सदन में हंगामा किया। जिसके बाद सदन को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 2 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने फिर हंगामा कर दिया। जिसके बाद सदन को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, विपक्ष और खासकर कांग्रेस सदन को चलने नहीं दे रही है। वे बाहर आकर कहते हैं कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है, लेकिन वे सदन में चर्चा में भाग नहीं लेते, इसका क्या मतलब है? हम चर्चा के लिए तैयार हैं, वे चर्चा से भाग रहे हैं। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, स्ढ्ढक्र हमारे देश की नींव को नुकसान पहुंचा रहा है क्योंकि, जब आप पिछले 70 सालों की विरासत को देखते हैं, तो हर बार बुनियादी चुनावी सुधारों में संशोधन किया गया है, नए लोगों को केवल अपना पहचान पत्र दिखाने की आवश्यकता होती है। आज जेडी(यू) सांसद गिरधारी यादव ने भी दावा किया कि उन्होंने सभी दस्तावेज जुटाने में काफी समय लग रहा है, सोचिए आम लोगों की स्थिति क्या होगी।


 सरकार बता दें, एसआईआर पर चर्चा करेंगे या नहीं
बिहार में एसआईआर पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, हम पिछले 3 दिनों से मांग कर रहे हैं कि एसआईआर पर चर्चा हो, लेकिन अभी तक भाजपा के मंत्री की ओर से एक भी जवाब नहीं आया है। हम उनसे बस यह पूछना चाहते हैं कि एसआईआर पर चर्चा होगी या नहीं। हां या नहीं, एक बार उनका जवाब आ जाए, तो सदन की कार्यवाही शुरू हो सकती है।


 बिहार में तेजस्वी ने पहले ही हार मान ली
बिहार एसआईआर के खिलाफ विपक्ष के विरोध पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि 0 अगर वे (तेजस्वी यादव) चुनाव बहिष्कार की बात कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वे हार मान रहे हैं। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पटना में बुधवार शाम कहा था कि विपक्ष विधानसभा चुनाव का बायकॉट कर सकता है। इसे लेकर महागठबंधन की सभी पार्टियों के बीच विचार करेंगे।


राज्यसभा के 5 सांसदों का कार्यकाल खत्म
राज्यसभा के 5 सांसदों का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है। इनमें एम मोहम्मद अब्दुल्ला, एन चंद्रशेखरन, एम षणमुगम, वाइको, पी विल्सन शामिल हैं। पांचों सांसदों ने सदन में विदाई भाषण दिया।


तख्तियां-नारेबाजी कांग्रेस के संस्कार नहीं
विपक्ष बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के मुद्दे पर विरोध कर रहा है। संसद के मानसून सत्र में भी इस मुद्दे पर खूब हंगामा हो रहा है। गुरुवार को भी कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने संसद की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा किया तो इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नाराज हो गए। उन्होंने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के संस्कार ऐसे नहीं हैं। उन्होंने सांसदों से स्वस्थ चर्चा करने की अपील की।  इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल का नाम लेकर कहा कि ये आपकी पार्टी के संस्कार नहीं हैं। आपको लोगों ने चुनकर भेजा है। अपनी आकांक्षाएं साझा करने की जिम्मेदारी दी है, लेकिन तख्तियां लेकर आने और नारेबाजी से सदन नहीं चलेगा। ओम बिरला ने कांग्रेस सांसदों को सलाह देते हुए कहा कि नई पीढ़ी आपको देख रही है, वो इससे क्या सीख लेगी। नियमों के तहत सदन में चर्चा होनी चाहिए। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।


 सत्ता पक्ष के लोग सदन नहीं चलाना चाहते: प्रियंका गांधी
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया है कि वे ही सदन नहीं चलाना चाहते। उन्होंने कहा कि सदन में विपक्ष नेताओं को बोलने नहीं दिया जाता। प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी ने अन्य विपक्षी सांसदों के साथ संसद परिसर में बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण मामले पर विरोध प्रदर्शन भी किया। प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब भी विपक्ष के नेता सदन में बोलना चाहते हैं तो उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी जाती। हम चर्चा की मांग कर रहे हैं और उन्हें ये मांग माननी चाहिए। बीते सत्र में मैं ये देखकर हैरान रह गई कि सत्ता पक्ष ने सदन में हंगामा शुरू किया। उन्होंने एक मुद्दे को पकड़ा ताकि विपक्ष उस पर प्रतिक्रिया दे। जिससे हंगामा हुआ और सदन की कार्रवाई स्थगित हो गई। अगर ये उन्हें सही लगता है तो फिर ठीक है।

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