नई दिल्ली. कंगना रनौत की बहुचर्चित फिल्म इमरजेंसी की रिलीज पर लगे बैन को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में गुरुवार को फिर सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्रीय फिल्म प्रमाण बोर्ड (CBFC) ने कहा कि कंगना रनौत की इस फिल्म को रिलीज किया जा सकता है। इससे पहले फिल्म में कुछ कट लगाने होंगे, जिनका सेंसर बोर्ड की रिव्यू कमेटी ने सुझाव दिया था। बोर्ड ने यह बात जस्टिस बीपी कोलाबावाला और जस्टिस फिरदौस पोनीवाला की बेंच के सामने कही। इस संबंध में फिल्म निर्माता कंपनी जी स्टूडियोज का कहना है कि सोमवार तक इस संबंध में विचार करेंगे। जी का कहना था कि हम इस बारे में जानकारी लेंगे कि कौन से कट लगाए जा सकते हैं।
अब अदालत अगले सप्ताह इस केस की सुनवाई करेगी। अदालत में जी स्टूडियोज ने ही अर्जी दाखिल की थी और मांग की थी कि वह आदेश दे कि सेंसर बोर्ड की ओर से उसे सर्टिफिकेट जारी किया जाए। इस फिल्म को लेकर आरोप लगे थे कि इसमें सिख समुदाय को गलत ढंग से दिखाया गया है। इसके बाद विवाद बढ़ा तो सेंसर बोर्ड ने रिलीज को ही होल्ड पर डाल दिया था। जी स्टूडियोज ने अदालत में कहा था कि हमने 29 अगस्त को ही फिल्म प्रमाण बोर्ड के सामने अपनी अर्जी डाली थी। लेकिन अब तक बोर्ड की ओर से हमें सेंसर सर्टिफिकेट नहीं मिल सका है।
इससे पहले अदालत ने कहा था कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को हमने 4 सितंबर को कहा था कि वह जबलपुर सिख संगत एवं अन्य पक्षों की आपत्तियों पर विचार करे और फिर प्रमाण पत्र जारी करे। इसके बाद भी अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है। इसके बाद अदालत ने 25 सितंबर तक बोर्ड को फैसला लेने को कहा था, लेकिन तब भी मामला टलता रहा। अब बोर्ड ने कोर्ट में रिलीज को लेकर कहा कि सुझाए गए कटों के बाद फिल्म को सिनेमा घरों में रिलीज किया जा सकता है। इस फिल्म में कंगना रनौत ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का रोल अदा किया है और इस फिल्म का केंद्र बिंदु 1975 में इंदिरा गांधी की ओर से लगाया गया आपातकाल है।