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राजनीति विज्ञान नहीं रहा सिर्फ विषय, बना समाज की समझ का जरिया

युक्तियुक्तकरण से योग्य शिक्षक सुदूर अंचलों में बच्चों का गढ़ रहे भविष्य

विशेषज्ञ शिक्षक की नियुक्ति ने शैक्षिक परिवेश को दी नई दिशा, छात्रों में पढ़ाई के प्रति बढ़ी रुचि

शिक्षक श्री आर.के. चन्द्रा की प्रेरक शिक्षण शैली से छात्र राजनीति विज्ञान से सामाजिक चेतना की ओर हो रहे अग्रसर

रायपुर, कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के घने वनांचल में बसा छोटा सा गांव मांचाडोली, जहां कभी शिक्षा के नाम पर सिर्फ बुनियादी ढांचा था, पर गुणवत्ता का गहरा अभाव था। यहां का हायर सेकंडरी स्कूल वर्षों तक विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी से जूझता रहा। लालपुर, पाथा, कछार, बुल्लर साइड जैसे आसपास के गांवों से बच्चे पढ़ाई के लिए इसी स्कूल में आते हैं। परंतु दसवीं के बाद जब संकाय चयन की बारी आती, तो अधिकांश विद्यार्थी सही मार्गदर्शन और विषय विशेषज्ञ न होने की वजह से अपनी रुचि के विपरीत विषय चुनने को मजबूर होते। कला संकाय में शिक्षक के अभाव में कई बच्चों को मनचाहा विषय त्याग कर अन्य संकाय चुनना पड़ता था जिससे छात्रों के लिए पढ़ाई बोझ बन जाती थी, और उनका आत्मविश्वास डगमगाने लगता था।

युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से आया बदलाव का दौर

राज्य सरकार की शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत मांचाडोली के हायर सेकेंडरी स्कूल में कला, गणित, विज्ञान व अन्य विषयों के योग्य एवं प्रशिक्षित शिक्षकों की पदस्थापना हुई। युक्तियुक्तकरण के तहत मांचाडोली में राजनीति विज्ञान विषय के लिए श्री आर.के. चन्द्रा जैसे विशेषज्ञ शिक्षक की नियुक्ति ने विद्यालय के शैक्षिक परिवेश को नई दिशा दी है। शिक्षक श्री चन्द्रा ने विषय को सिर्फ पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रखा, बल्कि जीवन और समाज से जोड़ते हुए पढ़ाना शुरू किया। पूर्व में विद्यालय में राजनीति विज्ञान जैसे जटिल विषय में बच्चों की समझ कमजोर थी, रुचि कम होने से छात्र विषय को समझने के बजाय रट्टा मारकर याद करने की कोशिश करते थे जिससे परिणाम भी औसत ही आता था। 

शिक्षक श्री चन्द्रा ने आते ही कक्षा में पढ़ाई के तरीके को बदला। किताबों से आगे बढ़कर उन्होंने राजनीति विज्ञान को जीवन से जोड़ दिया। विषय के उनके गहरे ज्ञान और व्यावहारिक शिक्षण शैली ने छात्रों को राजनीति विज्ञान की जटिलताओं से उबारकर एक नई सोच और समझ की ओर अग्रसर किया है। अब छात्र राजनीति विज्ञान को सिर्फ एक पाठ्यक्रम नहीं, बल्कि समाज, शासन और नागरिक जिम्मेदारी के रूप में देखने लगे हैं। कक्षा 12वीं कला संकाय की संजना यादव, साक्षी चौहान, युवराज यादव, आयुष जगत, लक्ष्मी नारायण केवर्त सहित अन्य छात्रों में अब विषय को लेकर रुचि और आत्मविश्वास बढ़ा है। बच्चों में विषय के प्रति जो रुचि, उत्साह और प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति देखने को मिली है, वह पहले नहीं थी। अब छात्र-छात्राएं राजनीति विज्ञान विषय में न केवल आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि विषय में उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ ही अपने विचारों को स्पष्टता से रख पा रहे हैं। अब वे सिर्फ परीक्षा पास करने के लिए नहीं, बल्कि समाज को समझने और बेहतर नागरिक बनने के लिए पढ़ रहे हैं।

राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण नीति से योग्य शिक्षक सुदूर अंचलों तक पहुंच रहे है और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का पथ प्रदर्शित कर रहे है। मांचाडोली विद्यालय में अब कला, विज्ञान, गणित जैसे संकायों की पढ़ाई सुचारू रूप से हो रही है। बच्चों को अब भविष्य निर्माण के लिए आवश्यक मार्गदर्शन भी मिल रहा है। विद्यालय प्रबंधन, अभिभावकों और छात्रों ने युक्तियुक्तकरण की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना है। अब स्कूल का शैक्षणिक माहौल अधिक सक्रिय और गुणवत्तायुक्त हो गया है।

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