भुवनेश्वर. ओडिशा में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर खुद को जलाने वाली छात्रा को लेकर कुछ नए खुलासे हुए हैं। इस छात्रा ने अपने कॉलेज प्रोफेसर पर आरोप लगाए थे। अब इस छात्रा की दोस्त ने इस मामले को लेकर कुछ नए खुलासे किए हैं। छात्रा की दोस्त ने बताया है कि वह लड़की कई महीनों से इस प्रताड़ना को झेल रही थी। उसने यह भी आशंका जताई है कि जरूर प्रिंसिपल ने उससे कुछ उकसाने वाली बातें कही थीं। तभी वह ऐसी ‘अग्निपरीक्षा’ देने के लिए मजबूर हुई। एनडीटीवी के मुताबिक छात्रा की दोस्त ने बताया कि फकीर मोहन कॉलेज में एचओडी समीर कुमार साहू छात्रा के साथ यह सब कर रहे थे। दोस्त का कहना है कि छात्रा ने उसे भरोसे में लेकर खुद यह सारी बातें बताई थीं।
किया जा रहा था ब्लैकमेल
दोस्त के मुताबिक कुछ महीनों पहले छात्रा ने उसे सारी बातें बताईं। उसने बताया कि एचओडी जान-बूझकर उसे फेल कर रहे हैं। वह उसका बैकलॉग भी क्लियर करने से मना कर रहे हैं। उस वक्त उसने मुझे या किसी अन्य को इसमें हस्तक्षेप से मना किया था। हालांकि 30 जून को उसने हम सभी को बुलाया। उसने प्रिंसिपल के सामने चलकर एचओडी के खिलाफ ऐक्शन की बात कही। दोस्त के मुताबिक छात्रा ने बताया कि विभागाध्यक्ष ने अन्य लोगों के सामने उसके साथ बदसलूकी की थी। उन्होंने उसे ब्लैकमेल भी किया और धमकी दी कि उसे छह साल के लिए इसी कॉलेज में फंसाकर रख देंगे।
लंच के दौरान अकेली थी
इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की द्वितीय वर्ष की छात्रा ने अपने क्लासमेट्स का समर्थन जुटाने की भी कोशिश की। दोस्त ने बताया कि जब वह लोग एकजुट होकर प्रिंसिपल के पास गए थे उन्होंने कुछ और समय मांगा। 12 दिन के बाद हालात और बिगड़ गए। छात्र फिर से प्रिंसिपल के पास जाकर समाधान की मांग करने वाले थे। हालांकि एडमिशन के चलते कैंपस पूरी तरह से भरा हुआ था। दोस्त ने बताया कि लंच के दौरान करीब 20 मिनट के लिए वह अकेली थी। इसी दौरान हमारे पास एक फोन आया, जिसमें बताया गया कि हमारी दोस्त से अग्नि परीक्षा मांगी गई थी। उसने कहाकि मैं यह शब्द इसलिए इस्तेमाल कर रही हूं, क्योंकि मुझे यकीन है कि प्रिंसिपल ने जरूर उससे ऐसा कुछ कहा था, जिसने उसे अंदर तक चोट पहुंचाई। इसके बाद ही उसने यह घातक कदम उठाया। वह न्याय के लिए लड़ते-लड़ते पूरी तरह से थक चुकी थी और टूट गई थी।
छात्रों का सहारा ले रहा था एचओडी
गौरतलब है कि उक्त छात्रा ने प्रिंसिपल ऑफिस के सामने ही पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग लगा ली थी। एक साथी छात्र, ज्योतिरंजन बिसवाल उसे बचाने में 15 फीसदी जल गया था। वहीं, छात्रा 95 फीसदी तक जल गई थी। बाद में इलाज के दौरान 14 जुलाई को एम्स भुवनेश्वर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। छात्रा के दोस्त का कहना है कि शुरुआती शिकायत के बाद एचओडी साहू ने खुद को बचाने के लिए 300 छात्रों को जुटा लिया। वहीं, पीड़िता के समर्थन में 15-20 छात्र ही जुटे थे। इस मामले में कॉलेज के दो अधिकारियों एचओडीप समीर साहू और प्रिंसिपल दिलीप घोष। इन दोनों पर छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने और यौन उत्पीड़न संबंधी विभिन्न आरोप हैं।