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हरतालिका तीज की आ गई सही तिथि, नोट कर लीजिए पूजा का शुभ मुहूर्त, कैसे करें पूजा

सनातन धर्म में तीज त्योहार का अपना अलग ही महत्व है। खासतौर पर, तीज का त्योहार हिन्दू महिलाओं में खास महत्व रखता हैं। जैसा कि आप जानते है कि तीज का त्योहार साल भर में तीन बार आता है। सबसे पहले आती है सावन के महीने में ‘हरियाली तीज, उसके कुछ ही दिन बाद ‘कजरी तीज’ और फिर ‘हरतालिका तीज’।

ये सारी तीज सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। अगर बात हरतालिका तीज व्रत की करें, तो यह तीज हरियाली तीज के एक महीने के बाद मनाई जाती है। जो इस वर्ष 26 अगस्त 2025 को है।

इस दिन सुहागन महिलाएं देवी पार्वती और भगवान शिव की विधि विधान से पूजा-आराधना करती हैं। इस व्रत में महिलाएं निर्जला व निराहार उपवास रहकर व्रत का पालन करती हैं।

ज्योतिषियों के अनुसार, यह सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता हैं। पति की लंबी आयु, सुखी वैवाहिक जीवन और माता पार्वती के समान अखंड सौभाग्य की कामना से यह व्रत किया जाता हैं। ‘हरतालिका तीज’ निर्जला व्रत है, इसमें अन्न और जल ग्रहण नहीं करते हैं। आइए जानते हैं कि इस साल हरतालिका तीज का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा के लिए कौनसा समय अति शुभ रहेगा।

कब मनाई जाएगी हरतालिका तीज 2025

हरतालिका तीज भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को आती है। इस साल हरतालिका तीज 26 अगस्त 2025 को है।

हरतालिका तीज 2025 मुहूर्त

भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि शुरू – 25 अगस्त 2025 को दोपहर 12:34

भाद्रपद शुक्ल तृतीया समाप्त – 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54

प्रातःकाल हरितालिका पूजा

मुहूर्त – सुबह 05:56 – सुबह 08:31

अवधि – 02 घण्टे 35 मिनट्स

हरतालिका तीज रात का मुहूर्त :

हरतालिका तीज के दिन रात्रि जागरण किया जाता है। इस दिन रात्रि के चारों प्रहर में पूजा करने का विधान है। ये पूजा शाम को शुरू होती है और अगले दिन सुबह समाप्त होती है।

  • पहला प्रहर पूजा मुहूर्त – शाम 6 से 9 के बीच होती है।
  • दूसरा प्रहर पूजा मुहूर्त – रात 9 से 12 बजे के बीच होगी।
  • तीसरा प्रहर पूजा मुहूर्त – देर रात 12 बजे से मध्यरात्रि 3 बजे के बीच।
  • चौथा प्रहर पूजा मुहूर्त – मध्यरात्रि 3 बजे से सुबह 6 बजे के बीच होगी।

कैसे करते हैं हरतालिका तीज

तीज हरतालिका तीज के मौके पर निर्जला व्रत रखना चाहिए। इस दिन महिलाएं श्रृंगार करती हैं और गीत गाती हैं। इस दिन कथा पाठ करने से खूब फायदा होता है, साथ ही रात्रि जागरण किया जाता है। इस दिन नकारात्मकता को अपने जीवन से हटाने की कोशिश करें। क्रोध से बचें और किसी का भी बुरा न सोचें ।

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