एस्ट्रोजन महिलाओं के यौन और प्रजनन विकास में अहम भूमिका निभाने वाला हार्मोन होता है। एस्ट्रोजन हार्मोन को महिला सेक्स हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। एस्ट्रोजन का मुख्य काम महिलाओं के विकास, प्रजनन स्वास्थ्य, मासिक धर्म चक्र विनियमन, बोन हेल्थ और हृदय संबंधी समस्याओं को दूर रखना होता है। महिला के शरीर में एस्ट्रोजन के असंतुलित होने पर उसे सेहत से जुड़ी कई समस्याएं जैसे कम यौन इच्छा, वजन बढ़ना, योनि का सूखापन, थकान, ऑस्टियोपोरोसिस, हृदय रोग के साथ मानसिक सेहत से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। बता दें, एस्ट्रोजन का स्तर मासिक धर्म चक्र के दौरान बदलता रहता है और रजोनिवृत्ति के बाद कम हो जाता है।
एस्ट्रोजन असंतुलित होने पर नजर आते हैं ये लक्षण
-ड्राई स्किन
-स्तन और गर्भाशय में गैर-कैंसरयुक्त गांठ
-पीरियड्स का अनियमित या मिस होना।
-सेक्स के दौरान अधिक दर्द होना।
-सेक्स की इच्छा में कमी होना।
-शरीर का अचानक से गर्म होना।
एस्ट्रोजन हार्मोन को संतुलित करने के उपाय-
प्रोटीन रिच डाइट
प्रोटीन शरीर के निर्माण के साथ हार्मोन के स्तर को अच्छा बनाए रखने का भी काम करता है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन करने से पेप्टाइड हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है, जो भूख को नियंत्रित करता है। यदि आपके एस्ट्रोजन हार्मोन में लगातार गिरावट हो रही है तो अपनी डाइट में प्रोटीन को शामिल करें।
स्ट्रेस कम लें
तनाव की अधिकता और नींद की कमी, दो ऐसी चीजें हैं जो हार्मोन के असंतुलन का कारण बन सकती हैं। ऐसे में अगर आप पहले से ही हार्मोन के असंतुलन से परेशान हैं तो तनाव कम लेने के साथ कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लें। बता दें, तनाव हार्मोन को सीधा प्रभावित करके सेक्स लाइफ पर भी असर डालता है।
वजन को कंट्रोल रखें
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार वजन ज्यादा होने से एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल में गिरावट आती है जो महिलाओं में ओव्युलेशन प्रक्रिया में बाधा बन सकता है, जिससे बांझपन जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। इससे बचने के लिए महिला को अपना वजन संतुलित बनाए रखना चाहिए।