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आज सोने की कीमत में जबरदस्त तेजी, चांदी भी बढ़ी

सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला थम गया है और अब इसमें तेजी लौट आई है। 26 नवंबर को देश के कई प्रमुख शहरों में सोने और चांदी के दाम बढ़ गए हैं। घरेलू बाजार में शादी-विवाह के सीजन में बढ़ी मांग और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर के कमजोर होने को इस तेजी की मुख्य वजह माना जा रहा है। सोने और चांदी की कीमतों पर हमेशा घरेलू और वैश्विक, दोनों तरह के कारकों का असर होता है।
सोने के भाव में आया उछाल

सोने की कीमत में आज यानी 26 नवंबर को तेजी दर्ज की गई है। राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव बढ़कर ₹1,27,200 प्रति 10 ग्राम हो गया है। इसी तरह, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में भी 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,27,050 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है। 22 कैरेट सोने की कीमतों में भी उछाल देखा गया है, दिल्ली में इसका भाव ₹1,16,610 प्रति 10 ग्राम है।
प्रमुख शहरों में सोने का रेट (26 नवंबर)

दिल्ली: 24 कैरेट – ₹1,27,200, 22 कैरेट – ₹1,16,610
मुंबई/चेन्नई/कोलकाता: 24 कैरेट – ₹1,27,050, 22 कैरेट – ₹1,16,460
पुणे/बेंगलुरु: 24 कैरेट – ₹1,27,050, 22 कैरेट – ₹1,16,460

सोने में आई तेजी के मुख्य कारण

घरेलू मांग: देश में शादी-विवाह का सीजन चल रहा है, जिसके कारण घरेलू बाज़ार में सोने की डिमांड (मांग) काफी बढ़ गई है। मांग बढ़ने से कीमतों में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है।
कमजोर डॉलर: वैश्विक स्तर पर डॉलर (अमेरिकी मुद्रा) कमजोर हुआ है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना सस्ता हो जाता है, जिससे इसकी मांग बढ़ती है और भारतीय रुपये में इसकी कीमत बढ़ जाती है।
वैश्विक संकेत: न्यूयॉर्क में सोने का हाजिर भाव $4,131.09 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है, जो वैश्विक बाजार में सोने को सपोर्ट दे रहा है।

चांदी में भी दिखी चमक

सोने की तरह ही चांदी की कीमतों में भी आज उछाल आया है। 26 नवंबर को चांदी का भाव बढ़कर ₹1,67,100 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार, न्यूयॉर्क में भी चांदी का हाजिर भाव $51.15 प्रति औंस हो गया है। सोने और चांदी दोनों के दामों पर घरेलू मांग के अलावा, अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक नीतियों और बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है।
फेडरल रिजर्व के बयान का असर

अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व (Fed) के अधिकारियों के बयान ने भी सोने की कीमतों को समर्थन दिया है। फेड गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने संकेत दिया है कि अमेरिका के श्रम बाज़ार (लेबर मार्केट) में कुछ कमजोरी दिख रही है। इस वजह से, दिसंबर में प्रमुख ब्याज दर (Interest Rate) में एक-चौथाई प्रतिशत की कटौती करना सही हो सकता है। ब्याज दरें कम होने की उम्मीद से सोने जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली संपत्तियों में निवेश बढ़ता है, जिससे उनकी कीमतें बढ़ जाती हैं।

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