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छत्तीसगढराज्य

चार दिनों तक बिखरी रहेगी कला – संस्कृति के विविध रंगों की छटा

रायपुर । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में दिनांक 19 से 22 दिसम्बर 2024 तक आयोजित होने वाले चार दिवसीय 30वें अंतर महाविद्यालयीन युवा महोत्सव ‘‘मड़ई-2024’’ का यहां रंगा-रंग शुभारंभ हुआ।कृषि महाविद्यालय रायपुर परिसर में आयोजित मड़ई की शुरूआत भव्य सांस्कृतिक शोभायात्रा से हुई जिसमें कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त कृषि महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपने-अपने जिलों की लोक संस्कृति, लोक पर्व, स्थानीय रीति-रिवाज, पर्यटन स्थल तथा अन्य विशेषताओं को प्रदर्शित करने वाली झांकी प्रस्तुत की।पारंपरिक परिधानों में सजे इन सांस्कृतिक दलों ने स्थानीय लोक गीतों एवं लोक नृत्यों की अनुपम छटा बिखेरी। इन दलों ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख नृत्य – कर्मा, पंथी नृत्य, राऊत नाचा, सरगुजिहा नृत्य, मुड़िया नृत्य, जवारा नृत्य, गौरी-गौरा आदि का आकर्षक प्रस्तुतिकरण दिया।शोभा यात्रा के दौरान विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने बस्त दशहरा, अक्ती तिहार, शिव बारात, शिव तांडव, महिषासुर मर्दन, घांसीदास जयंती आदि पर केन्द्रित झांकियों का प्रदर्शन किया। इन झांकियों में पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, नारी सशक्तिकरण, सुपोषण, कृषि संपदा विकास, प्रौद्योगिकी विकास आदि महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक संदेश भी दिये गये।शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय रायपुर, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, रायपुर स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर के अधिष्ठाता, निदेशकगण उपस्थित थे।

इस चार दिवसीय युवा महोत्सव में विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि महाविद्यालयों के एक हजार से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए। शुभारंभ समारोह में कृषि महाविद्यालय भाटापारा की छात्रा कुमारी भूमिका साहू ने छत्तीसगढ़ के राज गीत ‘अरपा पैरी के धार’ का सुमधुर प्रस्तुतिकरण दिया।

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शहीद गुंडाधुर कृषि महाविद्यालय, जगदलपुर के विद्यार्थी द्वारा नृत्य एवं गीत के माध्यम से बस्तर की आदिवासी संस्कृति का आकर्षक प्रदर्शन किया गया।

चार दिवसीय युवा सांस्कृतिक महोत्सव मड़ई 2024 के दौरान कला संस्कृति पर केन्द्रित विभिन्न स्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा।
मड़ई 2024 के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ है और हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में मड़ई जैसे आयोजनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के युवा महोत्सव में सहभागी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, यह मेरे लिए एक अदभुत आध्यात्मिक अनुभव है। शोभा यात्रा में विद्यार्थियों ने गीत-संगीत एवं नृत्यों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति के विविध रंगों को संतृप्तता के साथ प्रस्तुत किया जो आल्हादित कर गया। उन्होंने विद्यार्थियों से आव्हान किया वे पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल होकर देश व प्रदेश का नाम रौशन करें।

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समारोह की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों की अंतरनिहीत सांस्कृतिक प्रतिभाओं के विकास के लिए प्रति वर्ष विश्वविद्यालय स्तर पर मड़ई युवा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। पिछले 30 वर्षां से यह आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन को याद करते हुए कहा कि वे उन्होंने विद्यार्थी के रूप में वर्ष 1990 में विश्व भारतीय विश्वविद्यालय शांति निकेतन पश्चिम बंगाल में कृषि विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया था।

वह एक अविस्मरणीय यादें हैं। डॉ. चंदेल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित एग्री युनिफेस्ट में अनेकों बार स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त किये हैं उन्होंने आशा व्यक्त कि की मड़ई 2024 के विजेता प्रतिभागी राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय तथा छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाएंगे।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा ने स्वागत उद्बोधन दिया। 19 से 22 दिसम्बर तक चलने वाले इस चार दिवसीय अंतर महाविद्यालयीन युवा महोत्सव ‘‘मड़ई-2024’’ में विभिन्न विधाओं की 25 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा जिसके तहत 20 दिसम्बर को प्रातः 09 बजे से 1ः30 बजे तक एकल अभिनय, तात्कालिक भाषण, ऑन दी स्पॉट पेंटिंग, एकांकी, समूह गायन, कोलाज मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। दोपहर 03 बजे से मिमिक्री, भाषण, कार्टूनिंग, एकांकी, समूह गायन (भारतीय), लोक एवं आदिवासी नृत्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

21 दिसम्बर को प्रातः 09 बजे से मूक अभिनय, भाषण, लघु नाटिका, वाद-विवाद, रंगोली, पोस्टर मेकिंग, क्ले मॉडलिंग, डिजिटल फोटोग्राफी, एकांकी, देश भक्ति गीत गायन, पश्चिमी एकल गीत गायन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। दोपहर 03 बजे से लघु नाटिका, वाद-विवाद, मेहंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। 22 दिसम्बर को प्रातः 09 बजे से लघु नाटिका, तात्कालिक भाषण, लोक एवं आदिवासी नृत्य तथा पाश्चात्य समूह गीत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

22 दिसम्बर को अपरान्ह 04 बजे अंतर महाविद्यालयीन युवा महोत्सव ‘‘मड़ई-2024’’ का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाएगा। शुभारंभ समारोह के अंत में मड़ई 2024 के आयोजन सचिव डॉ. बी.पी. कतलम ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विभिन्न कृषि महाविद्यालयों के अधिष्ठाता एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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