आज डिब्बा बंद यानी पैकेज्ड फ़ूड हम सबकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, क्योंकि ये चीजें बेशक हमारा टाइम बचाती हैं, लेकिन हेल्थ के लिए एक बड़ी खतरे की घंटी साबित हो सकती हैं। आपको बता दें, यह कामकाजी लोगों के लिए काफी सुविधाजनक है। फिर चाहे वह घर से दूर रह रहे छात्र-छात्राएं हों, कामकाजी महिलाएं हों, बच्चे हों या शहर से दूर-दराज के स्थानों पर काम करने वाले लोग।

इनके लिए डिब्बा बंद भोजन किसी वरदान से कम नहीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिब्बा वाला खाना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, इसे खाने से आपकी शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। साथ ही गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं डिब्बा बंद खाना आपके स्वास्थ्य के लिए किस तरह नुकसानदायक हो सकता है।
डिब्बा बंद खाना सेहत के लिए कितना खतरनाक :
- अस्थमा और एलर्जी का खतरा
रिसर्च के अनुसार, डिब्बा बंद खाना खाने से अस्थमा और एलर्जी का खतरा बढ़ सकता है। डिब्बाबंद प्रोसेस्ड मीट में नाइट्राइट की क्वांटिटी ज्यादा होती है, जिससे ब्रीदिंग पाइप में स्वेलिंग हो सकती है और अस्थमा की प्रॉब्लम बढ़ सकती है।
- डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स
डाइट एक्सपर्ट्स के अनुसार, डिब्बा बंद खाना हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम पर ज्यादा प्रेशर डालता है, जिससे यह नॉर्मली वर्क करने में असमर्थ हो सकता है। इससे पेट से रिलेटेड प्रॉब्लम्स जैसे इनडाइजेशन, गैस, और इर्रेगुलर बाउल मूवमेंट की प्रॉब्लम हो सकती है। इसलिए सेहत के लिहाज से डिब्बा बंद खाना खाना सही नहीं है।
- न्यूट्रिएंट्स की कमी
आपको बता दें, डिब्बा बंद खाने में न्यूट्रिएंट्स यानी पोषक तत्वों की कमी भी देखी जाती है। प्रोसेसिंग के दौरान डिब्बा बंद खाने में मौजूद कई जरूरी विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर कम हो जाते हैं।
न्यूट्रिएंट्स की कमी से बॉडी में वीकनेस आती है, इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और लॉन्ग टाइम में मालन्यूट्रिशन का खतरा बढ़ता है। वही फाइबर की कमी से डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स जैसे कॉन्स्टिपेशन और ब्लोटिंग हो सकती है। इसलिए डिब्बा बंद यानी पैकेज्ड फ़ूड सेहत के लिए ठीक नहीं होता है।
- हाई सोडियम और शुगर
एक्सपर्ट्स बताते है कि, डिब्बा बंद खाने में टेस्ट और प्रिजर्वेशन के लिए सोडियम और शुगर की क्वांटिटी बहुत ज्यादा होती है। ज्यादा सॉल्ट हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ाता है। वहीं, ज्यादा शुगर से ओबेसिटी, टाइप-2 डायबिटीज और इंसुलिन रेसिस्टेंस जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती है। अगर आप सेहतमंद रहना चाहते है तो पैकेज्ड फ़ूड का इस्तेमाल कम से कम से करें।
- अनहेल्दी फैट्स
बता दें, इन प्रोडक्ट्स में अक्सर ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट का यूज होता है, जो हेल्थ के लिए बेहद हार्मफुल हैं। ये बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं और गुड कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं, जिससे हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
- प्रिजर्वेटिव्स और आर्टिफिशियल एडिटिव्स
एक्सपर्ट्स का कहना है कि, डिब्बा बंद खाने को लॉन्ग टाइम तक फ्रेश रखने और कलर व टेस्ट बेहतर करने के लिए केमिकल प्रिजर्वेटिव्स, आर्टिफिशियल कलर्स और फ्लेवर मिलाए जाते हैं। ये केमिकल्स बॉडी में इनर इम्बैलेंस क्रिएट कर सकते हैं और एलर्जी, डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स और कुछ केसेज मामलों में कैंसर जैसी सीरियस डिजीज से भी जुड़े हो सकते हैं।