आयकर विभाग की ओर से दी गई लेटेस्ट जानकारी के मुताबिक, 9 सिंतबर तक पूरे देश में केवल 5.13 करोड़ आईटीआर ही फाइल हुई है। आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 तय की गई है। अब तक कुल 4.84 करोड़ रिटर्न वेरिफाई किए गए हैं और 3.48 करोड़ रिटर्न की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक, आखिरी तारीख तक कुल 7.28 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए थे।
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि आईटीआर फाइलिंग डेडलाइन को आगे बढ़ाई जाए। इसके पीछे उनका तर्क है कि ज्यादातर आईटीआर फॉर्म की एक्सेल यूटिलीट काफी देर से जारी की गईं, जिससे रिटर्न दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया। आईटीआर-1 और 4 की ऑनलाइन सुविधाएं 4 जून को जारी हुई थीं, ITR-2 की 17 जुलाई और ITR-3 की उपयोगिता 30 जुलाई को जारी की गई।
ITR फाइलिंग में टैक्सपेयर्स को हो रही ये समस्या
कई टैक्सपेयर्स ने समय पर आईटीआर फाइन नहीं कर पाने की अपनी समस्या जाहिर कर चुके हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक यूजर आरके चटर्जी ने लिखा कि ई-फाइलिंग पोर्टल पर एनुअल इन्फोर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) तक पहुंच नहीं हो पा रहा है। उन्होंने आगे लिखा कि हर साल जैसे ही आईटीआर फाइलिंग की आखिरी तारीख नजदीक आती है, AIS पोर्टल अपना नाटक शूरू कर देता है। ब्लैंक स्क्रीन, लॉगिन संबंधी समस्या, जीरो एक्सेस। टैक्सपेयर्स आखिरी समय में हेल्पलेस हो जाते हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रतिभा गोयल ने बताया कि कुछ सीए कई अलग-अलग वजहों से डेडलाइन को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। जैसे कि आईटीआर यूटिलिटी का देरी से जारी होना, इनकम टैक्स परो्ट से जुड़ी समस्या और ऑडिट की डेडलाइन के साथ तारीखों का टकराव शामिल है। वहीं एक अन्य सीए अजय बगड़िया ने भी AIS और TIS (टैक्सपेयर इन्फोर्मेंशन स्टेटमेंट) तक पहुंच न होने की शिकायत की।
क्या ITR फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ेगी?
आयकर विभाग से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि डेडलाइन समाप्त होने में सिर्फ 5 दिन रह गए हैं, इसलिए इसे आगे बढ़ाने की संभावना नहीं है। टैक्स इवेंजलिस्ट ओपी यादव ने बताया कि नॉन-ऑडिट टैक्सपेयर्स के लिए डेडलाइन का 15 सितंबर तक बढ़ना राहत देने वाला है, लेकिन अब और विस्तार की कोई गारंटी नहीं की जा सकती है।