महिलाओं और पुरुषों दोनों को स्वास्थ्य की समस्याएं काफी होती है जिसका निदान खोजते रहते है। स्वास्थ्य की आम समस्याओं में सिरदर्द की समस्या सबसे आम समस्या में से एक है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को होती है। सिरदर्द की वजह से बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक प्रभावित रहता है। सिरदर्द की समस्या के मामले अधिकतर महिलाओं में देखने के लिए मिलते है। यह सिरदर्द की समस्या किस तरह से महिला और पुरुष को परेशान करती है। हेल्थ एक्सपर्ट ने इस बारे में बताया है कि, महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले सिरदर्द की समस्या ज्यादा होती है या नहीं।
सिरदर्द की इन समस्याओं में आम सिरदर्द नहीं बल्कि माइग्रेन के मामले देखने के लिए मिलते है। पंचकूला के पारस हेल्थ के डायरेक्टर – गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एमडी, डीएम, डॉ. राकेश कोचर ने सिरदर्द की समस्या के बारे में बताया है।
जानिए क्या कहती है NIH की एक स्टडी
यहां सिरदर्द की समस्या को लेकर NIH की एक स्टडी सामने आई है इसमें माइग्रेन और सिरदर्द का असर पुरुष और महिला दोनों में किस तरह से होता है इसके बारे में बताया है।महिलाओं को माइग्रेन और सिरदर्द होने की संभावना पुरुषों से ज्यादा होती है। पुरुषों की तुलना में उनमें माइग्रेन होने की संभावना तीन गुना ज्यादा होती है। इस असमानता में हार्मोनल उतार-चढ़ाव, खासकर पीरियड्स, ओव्यूलेशन और मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन में होने वाले बदलाव अहम भूमिका निभाते हैं।”
यहां पर हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. राकेश कोचर ने बताया है कि, महिलाओं में सिरदर्द होने का कारण हार्मोनल बदलाव होता है। जब महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन के बदलाव होते है तो महिलाओं में सिरदर्द की समस्या होती है।
जानिए किन कारणों से होता है सिरदर्द
यहां पर सिरदर्द की समस्या बढ़ने के कई कारण है जो महिला और पुरुष दोनों को प्रभावित करते है…
1- महिलाओं में पीरियड्स की समस्या की वजह से शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन कम हो जाता है। इस वजह से महिलाओं को माइग्रेन का असर होता है। इस तरह के माइग्रेन को मेंस्ट्रुअल माइग्रेन का नाम दिया जाता है।
2- महिला के जीवन में कई तरह के बदलाव होते है जिसमें गर्भावस्था के दौरान भी महिलाओं को हार्मोनल बदलाव होते है। हार्मोनल बदलाव की वजह से सिरदर्द की समस्या होती है।खासकर पहले तिमाही में माइग्रेन की संभावना ज्यादा रहती है, जबकि बाद के महीनों में कुछ महिलाओं को इससे राहत मिल सकती है।
3- महिला के जीवन में मेनोपॉज का दौर भी आता है जिसमें एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर काफी कम हो जाता है, जिससे महिलाओं को माइग्रेन या अन्य तरह के सिरदर्द की समस्या हो सकती है। यहां पर महिलाओं में मेनोपॉज के बाद माइग्रेन से राहत मिल सकती है।
4- महिलाओं के लिए खानपान भी मायने रखता है। गलत खानपान, डिहाइड्रेशन, कैफीन और ज्यादा फास्ट फूड का सेवन भी अक्सर महिलाओं में सिरदर्द की समस्या को बढ़ा सकता है।
5- नींद की कमी की वजह से सिरदर्द की समस्या काफी ज्यादा हो जाती है।