BREAKING

बड़ी खबर

रोजगार मांगने वाले नहीं, देने वाले बनें युवा : यादव

इंदौर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे रोजगार मांगने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें।
डॉ यादव कल शाम इंदौर के गाँधी हाल में आयोजित लिट चौक कार्यक्रम में पहुंचे। यहां उन्होंने कला, साहित्य, विकास, फिल्म आदि के बारे में पूछे गये सवालों का सिलसिलेवार उत्तर दिया। इस दौरान उपस्थित युवा, मुख्यमंत्री की हाजिर जवाबी और विषयों में विशेषज्ञता के कायल हुए।
डॉ यादव ने अपनी शिक्षा, राजनीति और मालवा से भोपाल तक के सफर पर पूछे गये सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सुशासन को समझने के लिये विक्रमादित्य और राजा भोज के बारे में युवाओं को जानकारी होना चाहिये। हमारी विरासत और इनके काल के दौरान हुए विकास और धार्मिक स्थल किस तरह विज्ञान से जुड़े थे, यह आज की युवा पीढ़ी को बताने की जरूरत है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उज्जैन का काल भैरव मंदिर इसका उदाहरण जहां है, जहां शराब का प्रसाद चढ़ता है और उसकी गंध नहीं आती। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि निकट के गुगरेश्वर महादेव शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद जल का बाहर न आना, ग्रीनविच स्टैंण्डर्ड टाइम के काफी समय पहले से उज्जैन में की जाने वाली काल गणना इसका उदाहरण है। सरकार ने तय किया है कि इस तरह के स्थानों पर महाकाल लोक जैसे 13 लोक बनाये जाएंगे।
कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव करवाने संबंधी प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव कराने में कोई दिक्कत नहीं है, ये सभी को समझना होगा कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के पहले छात्र संघ चुनाव ही युवाओं के लिये लोकतंत्र को समझने का जरिया हुआ करता था। संविधान के 74वें संशोधन के पश्चात जब से नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव हो रहे हैं तब से देखने में आ रहा है कि 22-25 साल का युवा सरपंच, पार्षद आदि का चुनाव लड़ विकास में अपना योगदान दे रहा है। आज लोकतंत्र को समझने के लिये युवाओं के पास अधिक मौके हैं।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे रोजगार मांगने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बनें। सरकार की नीति स्वरोजगार, उद्योग स्थापना के लिये सहयोगी हैं। नई शिक्षा नीति के माध्यम से यह धारणा भी बदलने का प्रयास किया जा रहा है कि कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद नौकरी मिलना मुश्किल है। शिक्षा वही जो भविष्य को संवारे, इसलिये नई शिक्षा नीति में कौशल ज्ञान को संवारने के सभी प्रबंध किये गये हैं, क्योंकि स्वाभिमान के साथ जीवन जीना सबका हक है।
उन्होंने स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क होने की बात कह युवाओं से आग्रह किया कि जीवन काल में सबको समय दें, परिवार, व्यापार के साथ शरीर को स्वस्थ रखना सबसे महत्वपूर्ण है। नदी जोड़ने की योजना पर उन्होंने कहा कि इससे सभी नदियों को प्रवाहमान बनाया जा सकेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 दिसम्बर को केन-बेतवा लिंक परियोजना का शुभारंभ करेंगे।

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts